कांग्रेस अध्यक्ष करन माहरा ने प्रधानमंत्री से की 20,000 करोड़ की राहत पैकेज की मांग

देहरादून। उत्तराखंड प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष करन माहरा ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से राज्य के लिए विशेष राहत पैकेज और आपदा प्रबंधन सुधार की मांग दोहराई है। उन्होंने कहा कि पहले 10,000 करोड़ की मांग की गई थी, लेकिन हालात की गंभीरता को देखते हुए अब कम से कम 20,000 करोड़ की आर्थिक सहायता दी जानी चाहिए। उन्होंने कहा कि धामी सरकार ने केन्द्र से केवल 5,700 करोड़ मांगे हैं, जबकि अकेले जोशीमठ के पुनर्निर्माण में लगभग 6,000 करोड़ की आवश्यकता है।
माहरा ने कहा कि राज्य के कई आपदा प्रभावित क्षेत्रों, जैसे कर्णप्रयाग के बहुगुणा ग्राम, गोपेश्वर, नैनीताल (बलिया नाला क्षेत्र), खटिया, खाती, भराड़ी, सौंग और धारचूला में अब तक प्रभावित लोगों को राहत नहीं मिली। उन्होंने सुझाव दिया कि आकलन के लिए केवल टीम भेजने के बजाय विशेषज्ञ वैज्ञानिक, भूवैज्ञानिक और तकनीकी टीमें राज्य में भेजी जाएं, ताकि भविष्य की संभावित आपदाओं का अध्ययन कर उत्तराखंड के लिए ठोस योजना बनाई जा सके।
उन्होंने 5 सितंबर को प्रधानमंत्री को लिखे पत्र में बताया कि भारी बारिश और बादल फटने की घटनाओं ने उत्तरकाशी, चमोली, बागेश्वर, पिथौरागढ़ और पौड़ी जिलों में जान-माल को भारी नुकसान पहुँचाया। आपदा प्रबंधन विभाग ने प्प्त्ै की चेतावनियों को नजरअंदाज किया, जिससे राहत और बचाव में देरी हुई। कांग्रेस पार्टी का कहना है कि केन्द्र सरकार को उत्तराखंड के पर्वतीय जिलों की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए इन मांगों को प्राथमिकता देनी चाहिए, ताकि आपदा पीड़ितों को वास्तविक राहत मिले और राज्य भविष्य की आपदाओं के लिए तैयार हो सके।
माहरा ने कहा कि राज्य के कई आपदा प्रभावित क्षेत्रों, जैसे कर्णप्रयाग के बहुगुणा ग्राम, गोपेश्वर, नैनीताल (बलिया नाला क्षेत्र), खटिया, खाती, भराड़ी, सौंग और धारचूला में अब तक प्रभावित लोगों को राहत नहीं मिली। उन्होंने सुझाव दिया कि आकलन के लिए केवल टीम भेजने के बजाय विशेषज्ञ वैज्ञानिक, भूवैज्ञानिक और तकनीकी टीमें राज्य में भेजी जाएं, ताकि भविष्य की संभावित आपदाओं का अध्ययन कर उत्तराखंड के लिए ठोस योजना बनाई जा सके।
उन्होंने 5 सितंबर को प्रधानमंत्री को लिखे पत्र में बताया कि भारी बारिश और बादल फटने की घटनाओं ने उत्तरकाशी, चमोली, बागेश्वर, पिथौरागढ़ और पौड़ी जिलों में जान-माल को भारी नुकसान पहुँचाया। आपदा प्रबंधन विभाग ने प्प्त्ै की चेतावनियों को नजरअंदाज किया, जिससे राहत और बचाव में देरी हुई। कांग्रेस पार्टी का कहना है कि केन्द्र सरकार को उत्तराखंड के पर्वतीय जिलों की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए इन मांगों को प्राथमिकता देनी चाहिए, ताकि आपदा पीड़ितों को वास्तविक राहत मिले और राज्य भविष्य की आपदाओं के लिए तैयार हो सके।
प्रधानमंत्री से की ये मुख्य मांगें
1. उत्तराखंड की मौजूदा आपदा को राष्ट्रीय आपदा घोषित किया जाए।
2. केन्द्र सरकार तत्काल 20,000 करोड़ का राहत पैकेज जारी करे।
3. प्रत्येक आपदा पीड़ित परिवार को 10 लाख की तात्कालिक सहायता दी जाए।
4. क्षतिग्रस्त मकानों और भवनों का आंकलन कर उचित मुआवजा दिया जाए।
5. प्रभावित लोगों का विस्थापन सुरक्षित स्थानों पर सुनिश्चित किया जाए।
2. केन्द्र सरकार तत्काल 20,000 करोड़ का राहत पैकेज जारी करे।
3. प्रत्येक आपदा पीड़ित परिवार को 10 लाख की तात्कालिक सहायता दी जाए।
4. क्षतिग्रस्त मकानों और भवनों का आंकलन कर उचित मुआवजा दिया जाए।
5. प्रभावित लोगों का विस्थापन सुरक्षित स्थानों पर सुनिश्चित किया जाए।