कार्यशाला में प्राकृतिक खेती को बढ़ावा देने पर हुआ मंथन

कार्यशाला में प्राकृतिक खेती को बढ़ावा देने पर हुआ मंथन


रूद्रप्रयाग। प्राकृतिक खेती को बढ़ावा देने और किसानों को जागरूक करने के उद्देश्य से विकास भवन सभागार में एक दिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया गया। कार्यशाला में किसानों को रासायनिक मुक्त कृषि और टिकाऊ कृषि पद्धतियों के लाभों के बारे में जानकारी दी गई। कृषि विभाग द्वारा संचालित विभिन्न योजनाओं जैसे राष्ट्रीय कृषि विकास योजना, प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना, राष्ट्रीय सतत् कृषि मिशन, प्रधानमंत्री किसान मानधन योजना एवं कृषि अवसंरचना निधि की भी विस्तार से जानकारी उपलब्ध कराई गई।
कृषि विज्ञान केंद्र जाखधार के प्रभारी वैज्ञानिक डॉ. संजय सचान ने बताया कि रुद्रप्रयाग जैविक जनपद घोषित है और यहां प्राकृतिक खेती की अपार संभावनाएं हैं। उन्होंने जीवामृत, बीजामृत और मल्चिंग जैसी तकनीकों के उपयोग पर जोर दिया। मुख्य कृषि अधिकारी लोकेंद्र सिंह बिष्ट ने कहा कि कार्यशाला का उद्देश्य किसानों को प्राकृतिक खेती के प्रति प्रेरित करना है। इस अवसर पर डॉ. निवेदिता, डॉ. अंशुल आर्या, डॉ. अंकित डोंगरियाल सहित कई किसानों ने भाग लिया।

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