धराली आपदा के बीच मुख्यमंत्री का जमीनी नेतृत्व, राहत कार्यों में दिखी संवेदनशीलता

-आपदा पर शासन नहीं, संवेदना की छाया, धराली में दिन रात मौजूदगी ने बढ़ाया हौंसला
 
संवेदनशील नेतृत्व की मिसाल बनते धामी
  
DESK THE CITY NEWS
देहरादून/उत्तरकाशी। उत्तरकाशी जनपद के धराली क्षेत्र में हालिया बादल फटने और अतिवृष्टि से आई प्राकृतिक आपदा ने न केवल स्थानीय जनजीवन को अस्त-व्यस्त कर दिया, बल्कि कई लोगों के घर, दुकानें और आशियाने भी तबाह कर दिए। ऐसे कठिन समय में उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने संवेदनशील नेतृत्व का परिचय देते हुए राहत और बचाव कार्यों की निगरानी के लिए स्वयं दो दिन से ग्राउंड जीरो पर डेरा डाल हुआ है।
मुख्यमंत्री धामी आपदा ने हेलीकॉप्टर से प्रभावित क्षेत्रों का हवाई सर्वेक्षण किया। उन्होंने धराली, हर्षिल, खीरगंगा, सैंजी सहित तमाम प्रभावित इलाकों में मौके पर पहुंचकर न केवल नुकसान का जायजा लिया, बल्कि राहत कार्यों की प्रगति का भी आकलन किया। उत्तरकाशी की धराली आपदा के बाद मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी का लगातार मौके पर रहकर राहत कार्यों की निगरानी करना एक साहसी और संवेदनशील नेतृत्व का प्रतीक है। जब एक मुख्यमंत्री खुद सबसे कठिन स्थानों पर जाकर आम जनता के बीच खड़ा होता है, तो यह न केवल लोगों में विश्वास पैदा करता है, बल्कि प्रशासनिक मशीनरी को भी प्रेरित करता है। उत्तराखंड इस आपदा से उबरेगा। इस विश्वास के साथ सरकार और जनता मिलकर एक बार फिर एक नई शुरुआत की ओर बढ़ रही है।

मौके पर ही दिए निर्देश
मुख्यमंत्री ने एसडीआरएफ, एनडीआरएफ सेना, प्रशासन और पुलिस के अधिकारियों के साथ मौके पर ही बैठक कर समन्वय बनाकर राहत कार्यों को तेज करने के निर्देश दिए। उन्होंने स्पष्ट शब्दों में कहा कि राहत और पुनर्वास में कोई कोताही बर्दाश्त नहीं की जाएगी। प्रभावित लोगों तक समय पर भोजन, पानी, दवाइयां और रहने की व्यवस्था पहुंचे, इसके लिए अधिकारियों को ज़मीनी स्तर पर उतरकर कार्य करने के निर्देश दिए गए।

पीड़ित जनता से सीधा संवाद
मुख्यमंत्री धामी ने धराली और आस-पास के क्षेत्रों में स्थानीय लोगों से भी संवाद किया। उन्होंने पीड़ितों का दुःख-दर्द समझा और भरोसा दिलाया कि सरकार हर कदम पर उनके साथ खड़ी है। उन्होंने कहा, यह समय एकजुट होकर इस आपदा का सामना करने का है। सरकार पूरी संवेदनशीलता और तत्परता से राहत कार्यों में लगी हुई है। हम किसी भी पीड़ित को अकेला नहीं छोड़ेंगे।

तेजी से हो रहा रेस्क्यू और राहत कार्य
धामी की सक्रियता का परिणाम यह है कि राहत कार्यों में तेजी आई है। जहां रास्ते टूट गए थे, वहां अस्थायी पुल बनाए जा रहे हैं। हेलिकॉप्टर की मदद से जरूरी सामान पहुंचाया जा रहा है। जो लोग फंसे थे, उन्हें सुरक्षित स्थानों पर शिफ्ट किया गया है। घायलों का इलाज युद्धस्तर पर हो रहा है। वहीं बिजली-पानी की आपूर्ति बहाल करने का काम भी तेज़ी से जारी है। आपदा प्रभावित क्षेत्रों से अब तक दर्जनों लोगों को ’हेलीकॉप्टर की सहायता से सुरक्षित रूप से धराली-हर्षिल से आईटीबीपी मातली शिविर एवं जॉलीग्रांट (देहरादून) हेलीपैड तक शिफ्ट’ किया गया है। इस कार्य में विशेष रूप से चिनूक और एमआई-17 जैसे एयरलिफ्टिंग संसाधनों का उपयोग किया जा रहा है।
राजनीति से ऊपर उठकर सेवा में जुटे
इस पूरी आपदा के दौरान मुख्यमंत्री ने अपने राजनीतिक कार्यक्रमों को स्थगित कर जनसेवा को प्राथमिकता दी है। रक्षाबंधन जैसे पर्व पर भी उन्होंने प्रभावित क्षेत्र में रहकर पीड़ितों के बीच समय बिताया, जिससे उनका मानवीय चेहरा सामने आया है।

आने वाले दिनों में पुनर्वास पर फोकस
मुख्यमंत्री ने संकेत दिए हैं कि सरकार पुनर्वास की योजनाओं को शीघ्र अमलीजामा पहनाएगी। जिनका घर उजड़ गया है, उन्हें सुरक्षित स्थानों पर बसाया जाएगा। वहीं प्रभावित व्यापारियों और किसानों को विशेष राहत पैकेज दिए जाने की भी तैयारी है।

आई0ए0एस0 एसोसिएशन ने दिया एक दिन का वेतन
देहरादून। सचिव उत्तराखण्ड आई0ए0एस0 एसोसिएशन दिलीप जावलकर ने बताया कि एसोसिएशन द्वारा उत्तराखण्ड में आई भीषण आपदा के दृष्टिगत एक दिन का वेतन राहत आपदा कोष में प्रदान किया जाएगा। यह निर्णय एसोसिएशन के अध्यक्ष एल०ए० फैनई की अध्यक्षता में सम्पन्न हुई बैठक में लिया गया। बताया कि बैठक में इस भीषण आपदा की घड़ी में एसोसिएशन के प्रत्येक सदस्य से अपेक्षा की गई है कि वह संवेदना और उत्तरदायित्व के साथ अपना पूर्ण सहयोग प्रदान करें।

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