चंडी देवी मंदिर का संचालन करेगी बद्री केदार मंदिर समिति, हाईकोर्ट ने दिये निर्देश

 

-अगले आदेश तक बीकेटीसी को सौंपी गई जिम्मेदारी

 

 

 

हमारे संवाददाता दिनांक 26 जून 25 

 

नैनीताल / हरिद्वार। उत्तराखंड हाईकोर्ट (नैनीताल बेंच) ने गुरुवार को आज हरिद्वार के प्रसिद्ध चंडी देवी मंदिर में महंत रोहित गिरी और उनके समर्थकों की भूमिका को लेकर सख्त निर्देश दिए हैं। निर्देश में हाईकोर्ट ने मंदिर का तत्कालीन प्रबंधन अगले आदेश तक बद्रीनाथ–केदारनाथ मंदिर समिति (BKTC) को सौंप दिया है। वहीं महंत और समर्थकों की आवाजाही पर रोक लगा दी है। 

गुरुवार को न्यायमूर्ति राकेश थपलियाल ने इस पूरी परिस्थिति पर नाराज़गी जताते हुए कहा कि यह सब कुछ “मंदिर की पवित्रता के खिलाफ” है और ऐसी हरकतों को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।

बता दें कि मामला चंडी देवी मंदिर के चढ़ावे की कथित चोरी, मंदिर निधि में अनियमितताएँ और महंत रोहित गिरी व रीना बिष्ट के बीच चल रहे विवादों से जुड़ा है। इस विवाद में महंत पर व्यक्तिगत जीवन और आरोपों को लेकर सवाल उठे, जिनका पूरा खुलासा कोर्ट ने करते हुए मामले में अंतरिम निर्णय लिया।

यह आदेश अगले न्यायिक निर्देश तक ही प्रभावी है। 

BKTC को फिलहाल मंदिर की देख‑रेख, पूजा‑पाठ, चढ़ावे‑प्रबंधन और सुरक्षा, सभी जिम्मेदारियाँ सौंप दी गई हैं। अदालत की अगली सुनवाई में इस आदेश को जारी रखा जा सकता है या नए निर्णय किए जा सकते हैं। तब तक महंत सम्बन्धी कोई भी गतिविधि—जैसे पूजा‑पाठ, धन संग्रह, प्रशासनिक कार्य—सभी का संचालन BKTC द्वारा किया जाएगा।

 

हाईकोर्ट के आदेश से मंदिर के प्रबंधन में बड़ी तब्दीली आई है, महंत की पहुँच पर प्रतिबंध लगा है, और मंदिर की पवित्रता बनाए रखने का जो भाव था, वह न्यायालय ने स्पष्ट कर दिया है।

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