व्यापार मंडल के पदाधिकारियों ने सिटी मजिस्ट्रेट से मुलाकात कर जताया पीले पंजे का विरोध

हरिद्वार संवाददाता : सुरेंद्र सैनी / अशरफ अब्बासी / बिलाल / कालूराम : 21 मई 2022

विगत कुछ समय से प्रशासन द्वारा चलाये जा रहे अतिक्रमण हटाओ अभियान के तहत आज व्यापार मंडल के पदाधिकारियों ने सिटी मजिस्ट्रेट से मुलाकात कर अपनी बातें रखीं। जिस पर सिटी मजिस्ट्रेट ने उन्हें जिला मजिस्ट्रेट का हवाला देते हुए उनसे मिलने का रास्ता दिखाया।

खबर आजतक लगातार अतिक्रमण व व्यापारियों की बात अपने दर्शकों तक पहुचता रहा है। जिसके बारे में हम अपकक आज विस्तार से बताएंगे।

भरे सीजन में शासन प्रशासन द्वारा अतिक्रमण हटाओ अभियान चलाना कही न कही यह दुविधा पैदा करता है कि प्रशासन के निशाने पर आखिर व्यापार मंडल और खासकर हर की पौड़ी के अपर रोड और मुख्य बाजार ही निशाने पर क्यों है।

उन्हें रोड़ी वेलवाला, पन्द्वीप मैदान, भूपतवाला के पुराने RTO चौक से भारतमाता मंदिर, बैरागी कैम्प, भभूतावाला वाला बाग़, गोविन्द पुरी के पीछे वाली बस्ती आदि जगह पर हो रहे अवैध अतिक्रमण क्यों दिखाई नही देते ?

उन्हें भरे सीजन में सिर्फ बाज़ारों के अतिक्रमण की ही याद क्यों आई ?

कहीं न कहीं यह प्रशासन के कार्य पर सवालिया निशान लगता है कि आखिर ऐसा दोहरा मापदण्ड क्यों ?

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वहीं सिटी मजिस्ट्रेट अवधेश कुमार सिंह ने बताया कि व्यापारियों ने हमसे 11 बजे का समय मुलाकात के लिए मंगा और हमने उनके साथ हमने बैठक की। उन्होंने कहा कि नाले से नाले का अतिक्रमण न हटाया जाए। इस संबंध में हमने उन्हें डी0 एम0 साहब से मिलने की सलाह दी।

उन्होंने बताया कि हमें लोक निर्माण विभाग द्वारा अतिक्रमण के संबंध में बताया जाता है जिस पर हम कार्यवाही करते है।

हरिद्वार व्यापार मंडल के अध्यक्ष राजीव पराशर का कहना है कि हमने आज नगर मजिस्ट्रेट से मुलाकात कर अपनी बात को उनके समक्ष रखा है यदि प्रशासन ने व्यापारियों के प्रति अपना रुख नरम नही किया तो समस्त व्यापारी आंदोलन को बाध्य होंगे।

वहीं व्यापार मंडल के महामंत्री अमन शर्मा ने कहा कि प्रशासन को रोडिवेल वाला या अन्यत्र जगह अतिक्रमण नज़र नही आता उन्हें भरे सीजन में सिर्फ उन्हीं व्यापारियों का अतिक्रमण दिखाई देता है जो उन्हें राजस्व व टेक्स अदा करते आ रहे है। उन्हें रेडी फटरी वालों का बैटरी रिक्शाओं का अतिक्रमण दिखाई नही देता।
उन्होंने कहा कि यदि प्रशासन ने व्यापारियों का उत्पीड़न किया तो व्यापारी अपनी दुकानों को बंद कर सड़कों पर उतरने को बाध्य होंगे।

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