‘टू प्लस टू’ वार्ता में विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन और रक्षा मंत्री लॉयड ऑस्टिन और उनके भारतीय समकक्षों एस जयशंकर और राजनाथ सिंह ने भाग लिया.
Rajnath Singh On Pakistan: भारत और अमेरिका के बीच सोमवार को चौथी ‘2+2’ मंत्रिस्तरीय बैठक हुई. इसमें दोनों पक्षों ने यूक्रेन सहित मौजूदा घटनाक्रमों पर चर्चा की और हिंद-प्रशांत क्षेत्र में चीन की बढ़ती सैन्य गतिविधियों के बीच इस क्षेत्र में अपने सहयोग की समीक्षा की. ‘टू प्लस टू’ वार्ता में विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन और रक्षा मंत्री लॉयड ऑस्टिन और उनके भारतीय समकक्षों एस जयशंकर और राजनाथ सिंह ने भाग लिया.
जयशंकर ने अपने शुरुआती संबोधन में कहा, ‘हमने अपने विदेश और रक्षा समकक्षों के साथ अलग-अलग बैठकें कीं. हमें निश्चित रूप से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और राष्ट्रपति जो बाइडन की डिजिटल बैठक के माध्यम से प्राप्त मार्गदर्शन से लाभ हुआ है, जिसमें हम सभी उपस्थित रहे.’ उन्होंने कहा कि ‘टू प्लस टू’ वार्ता प्रारूप का उद्देश्य भारत-अमेरिका साझेदारी के लिए एकीकृत दृष्टिकोण को और बढ़ावा देना है.
बैठक के बाद रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने एबीपी न्यूज़ के साथ एक्सक्लूसिव बातचीत में पड़ोसी पाकिस्तान में सत्ता बदलाव समेत कई मुद्दों पर बात की. इसके साथ ही उन्होंने भारत और अमेरिका को नेचुरल साझेदार करार दिया.
क्या-क्या बोले रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह:
1.भारत और अमेरिका के रिश्तों को मजबूत बनाने को लेकर काफी अच्छी बात हुई. दोनों देश नेचुरल पार्टनर हैं.
2.अमेरिका के रक्षा निर्माताओं को भारत में आकर निर्माण करने का न्यौता दिया है. साथ ही मेक इन इंडिया और मेक फ़ॉर वर्ल्ड के लिए भी प्रस्ताव दिया है.
3.हम चाहेंगे कि भारत के डिफेंस कॉरिडोर में निवेश करें. रक्षा क्षेत्र में एफडीआई नियमों में दी गई रियायतों का लाभ उठाएं.
4.भारत की सेनाओं के आधुनिकीकरण का काम चल रहा है. किसी एक देश पर निर्भर नहीं है यह काम. अपनी मजबूती पर ज़ोर है.
5.हवाई में अमेरिका के इंडोपेसिफिक कमांड भी जा रहे हैं. निश्चित तौर पर यह दोनों देशों की मजबूत साझेदारी की निशानी है. ज़ाहिर तौर पर भारत खुले और स्वतंत्र इंडोपेसिफिक को चाहता है जहाँ नियम आधारित व्यवस्था हो.
6. हमें नहीं लगता कि सत्ता के बदलाव से आतंकवाद पर पाकिस्तान के रवैये में कोई बदलाव आएगा, क्योंकि वो आतंकवाद को अपनी विदेश नीति के तौर पर इस्तेमाल करते आए हैं.
7. जहां तक भारत का सवाल है हम आतंकवाद का मुकाबला करते आए हैं. साथ ही उसका मुंहतोड़ जवाब भी देंगे. चाहे उसके लिए किसी भी सीमा तक जाना पड़े.