Maharashtra: नॉन कोविड दवाओं की खरीद में देरी और कोरोना के अलावा काफी संख्या में अन्य बीमारियों के मरीजों के अस्पताल पहुंचने से सरकारी अस्पतालों में बुनियादी जीवन रक्षक दवाओं की कमी हो गई है.
Maharashtra News: महाराष्ट्र के अस्पतालों में अब जहां एक तरफ कोरोना के अलावा दूसरी बीमारियों के मरीजों की संख्या बढ़ने लगी है तो वहीं दूसरी तरफ राज्य के सरकारी अस्पतालों में जरूरी दवाओं की भारी कमी है. यहां तक की राज्य के सबसे बड़े सरकारी अस्पताल जे जे अस्पताल तक में भी मरीजों को दवाएं नहीं मिल पा रही हैं. यहां बुनियादी जरूरत की दवाएं भी नहीं हैं जिसकी वजह से मरीजों को काफी दिक्कत का सामना करना पड़ रहा है. मरीज किसी तरह से पैसों का इंतजाम करके बाहर के मेडिकल स्टोर से दवाएं खरीदने को मजबूर हैं.
क्यों कम हुई थी मरीजों की संख्या
अंग्रेजी अखबार टाइम्स ऑफ इंडिया की एक रिपोर्ट के मुताबिक जे जे अस्पताल में एक मरीज को रेबीज का इंजेक्शन तक देने से भी मना कर दिया गया. यह इंजेक्शन कुत्ता काटने पर लगाई जाती है. राज्य के सार्वजनिक स्वास्थ्य विभाग के अनुसार, ”जब कोरोना महामारी आई थी उसके बाद राज्य के सरकारी अस्पतालों में आने वाले मरीजों की संख्या कम हुई थी. ओपीडी और आपातकालीन विभाग में मरीजों की संख्या में लगभग 70 प्रतिशत की गिरावट आई थी.”