सहकारिता, नवाचार और सरकारी सहयोग से बदली खेती की तस्वीर

पाबौ में फ्लोरीकल्चर को मिली नई उड़ान

पौड़ी/श्रीनगर गढ़वाल। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की किसान-हितैषी और सहकारिता आधारित नीतियों का प्रभाव अब पौड़ी गढ़वाल के दूरस्थ ग्रामीण क्षेत्रों में स्पष्ट दिखाई देने लगा है। विकासखंड पाबौ की साधन सहकारी समिति लिमिटेड, ढिकवाली ने वर्ष 2025 में संयुक्त सहकारी खेती के तहत पहली बार फ्लोरीकल्चर की शुरुआत कर एक सफल उदाहरण प्रस्तुत किया है।
अक्टूबर से शुरू हुई इस पहल में किसानों की सामूहिक भागीदारी से खेती को परंपरागत स्वरूप से निकालकर व्यावसायिक दिशा मिली है। अब तक गुलदावरी के 1190 बंच और ग्लेडियस के 2630 बंच की कटिंग कर दिल्ली व देहरादून की मंडियों में विपणन किया गया, जिससे समिति को 3.52 लाख की आय प्राप्त हुई है। इस परियोजना से 41 किसान जुड़े हैं, जो 183 नाली भूमि में फूलों की खेती कर रहे हैं। परियोजना को सहकारिता विभाग की राज्य समिति सहकारी विकास परियोजना के तहत 7.57 लाख की सहायता मिली है। आगामी चरण में फरवरी 2026 से 150 नाली भूमि में ग्लेडियस, सूरजमुखी और गुलदावरी का रोपण प्रस्तावित है।
जिलाधिकारी स्वाति एस. भदौरिया ने कहा कि सहकारिता, तकनीकी मार्गदर्शन और सरकारी सहयोग से पर्वतीय क्षेत्रों में भी खेती को लाभकारी बनाकर ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूत किया जा सकता है।

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