भालुओं की बढ़ती गतिविधियों के बीच ग्रामीणों को दिए सुरक्षा उपकरण

उत्तराखंड प्रहरी ब्यूरो / मोहन सिंह राणा,
उत्तरकाशी। हाल ही में भालुओं की बढ़ती आवाजाही और लोगों के घायल होने की घटनाओं को देखते हुए जिलाधिकारी प्रशांत आर्य ने वन विभाग, पुलिस एवं आपदा प्रबंधन अधिकारियों को ठोस कदम उठाने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि भालू वन्यजीव हैं, किंतु मानव जीवन की सुरक्षा सर्वाेपरि है। किसी भी सूचना पर त्वरित कार्रवाई के लिए विशेष टीम तैनात रहे, जिसे ट्रैंक्विलाइजर, सुरक्षा उपकरण और रेस्क्यू वाहन उपलब्ध हों।
जंगल से सटे गांवों में जागरूकता अभियान चलाने, चेतावनी बोर्ड लगाने तथा स्कूलों में शिक्षात्मक कार्यक्रम कराने के निर्देश दिए गए। कैमरा ट्रैप और आवश्यकता पड़ने पर ड्रोन सर्विलांस की भी व्यवस्था की जाएगी। भालू से बचाव हेतु ग्रामीणों को स्प्रे किट वितरित की गई, जो 10 से 15 फीट तक प्रभावी रहती है। उप प्रभागीय वनाधिकारी रश्मि ध्यानी ने बताया कि 27 संवेदनशील गांवों में लोगों को जागरूक किया गया है। सावधानी और समझदारी ही सुरक्षा का प्रमुख उपाय है।
जंगल से सटे गांवों में जागरूकता अभियान चलाने, चेतावनी बोर्ड लगाने तथा स्कूलों में शिक्षात्मक कार्यक्रम कराने के निर्देश दिए गए। कैमरा ट्रैप और आवश्यकता पड़ने पर ड्रोन सर्विलांस की भी व्यवस्था की जाएगी। भालू से बचाव हेतु ग्रामीणों को स्प्रे किट वितरित की गई, जो 10 से 15 फीट तक प्रभावी रहती है। उप प्रभागीय वनाधिकारी रश्मि ध्यानी ने बताया कि 27 संवेदनशील गांवों में लोगों को जागरूक किया गया है। सावधानी और समझदारी ही सुरक्षा का प्रमुख उपाय है।