आत्मनिर्भरता की मिसाल बने अगरोड़ा गांव के काश्तकार जगपाल सिंह

आत्मनिर्भरता की मिसाल बने अगरोड़ा गांव के काश्तकार जगपाल सिंह


पौड़ी/श्रीनगर गढ़वाल। प्रदीप कुमार।   जनपद पौड़ी गढ़वाल के अगरोड़ा गांव के 75 वर्षीय काश्तकार जगपाल सिंह रावत आज आत्मनिर्भरता की मिसाल बनकर प्रदेश के युवाओं के लिए प्रेरणा स्रोत बन गए हैं।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के नेतृत्व में आत्मनिर्भर उत्तराखंड की जो परिकल्पना की गई है, उसे जगपाल सिंह रावत ने अपने परिश्रम, लगन और दृढ़ इच्छाशक्ति से साकार कर दिखाया है। पिछले चार दशकों से बागवानी के क्षेत्र में कार्यरत रावत ने साबित किया है कि पहाड़ों में रहकर भी सफलता और समृद्धि प्राप्त की जा सकती है। वर्तमान में उनके बागान में 35 कीवी और 150 से अधिक मोटी इलायची के पौधे हैं। एक कीवी पौधा लगभग 25-30 किलोग्राम उत्पादन देता है, जबकि एक इलायची पौधे से 1.52 किलोग्राम तक उपज होती है। बाजार में कीवी 40-50 प्रति किलोग्राम और इलायची 800 प्रति किलोग्राम तक बिकती है। इन फसलों को जंगली जानवर नुकसान नहीं पहुंचाते, जिससे यह पहाड़ी किसानों के लिए लाभकारी विकल्प साबित हो रही हैं।
उन्होंने बताया कि उद्यान विभाग और जिला प्रशासन के सहयोग से उन्हें विभिन्न योजनाओं का लाभ मिला, जिससे उनके बागान का विस्तार हुआ। उनके खेतों में सेब, केला, अमरूद, आंवला और लेमन ग्रास जैसे फलदार एवं औषधीय पौधे भी लगाए गए हैं। इसके अलावा, वे अपने जलाशय में मछली पालन कर अतिरिक्त आय भी अर्जित कर रहे हैं।
जगपाल सिंह रावत का कहना है कि यदि प्रशासन से और सहयोग मिले तो वे अपने कार्य का विस्तार कर गांव के युवाओं को रोजगार उपलब्ध करा सकते हैं। उनका जीवन उदाहरण है कि उम्र नहीं, इच्छाशक्ति सफलता की कुंजी है कृ और यही आत्मनिर्भर उत्तराखंड का वास्तविक स्वरूप है।

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