वन विभाग की सक्रियता से भालू का आतंक कम, ग्रामीणों ने ली राहत की सांस

वन विभाग की सक्रियता से भालू का आतंक कम, ग्रामीणों ने ली राहत की सांस

पौड़ी। गढ़वाल वन प्रभाग के पैठाणी रेंज के ग्रामीण क्षेत्रों में पिछले दो महीनों से भालू के बढ़ते आतंक ने ग्रामीणों की नींद उड़ा दी थी। ग्राम कुंडिल, कुचोली, सौंठ, कठ्यूड़ और रिखोली में लगातार भालू द्वारा मवेशियों पर हमले की घटनाएं सामने आ रही थीं। लेकिन वन विभाग की सक्रियता और समन्वित कार्रवाई के चलते अब स्थिति में सुधार दिखने लगा है। हाल के दिनों में भालू की गतिविधियों में उल्लेखनीय कमी दर्ज की गई है।
उप वन संरक्षक गढ़वाल वन प्रभाग अभिमन्यु सिंह ने बताया कि 6 अगस्त से 12 अक्टूबर 2025 तक भालू के हमलों की 26 घटनाएं सामने आईं, जिनमें 30 मवेशियों की क्षति हुई। पहली ही घटना के बाद वन विभाग ने पांच सदस्यीय गश्ती टीम गठित की, जिसे बाद में बढ़ाकर 10 सदस्यों का किया गया। ये टीमें रात के समय गांवों की सीमाओं पर धुआं, मशाल और शोर के जरिए भालू को दूर रखने का प्रयास कर रही हैं। भालू को पकड़ने के लिए पिंजरे लगाए गए, ट्रैंक्विलाइजिंग टीम को आधुनिक उपकरणों से लैस किया गया और 4 सितंबर 2025 को शूटिंग अनुमति भी जारी की गई। पांच टीमें ट्रैकिंग, ट्रैंक्विलाइजिंग और निगरानी में लगी हैं। प्रभावित गांवों में ड्रोन और कैमरा ट्रैप के जरिए भी लगातार मॉनिटरिंग जारी है। वन विभाग ने 13 प्रभावित परिवारों को 5,28,500 रुपये की क्षतिपूर्ति राशि जारी की है।

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