ओंकारेश्वर मंदिर पहुँची बाबा केदार की पंचमुखी चल विग्रह डोली

जयकारों से गूंज उठी केदारघाटी

रुद्रप्रयाग। स्थानीय वाद्य यंत्रों की धुन, आर्मी बैंड के सुर और हजारों भक्तों की भावभक्ति से केदारघाटी आज भक्ति के रंग में रंग गई। बाबा केदारनाथ की पंचमुखी चल विग्रह उत्सव डोली अपने शीतकालीन गद्दीस्थल ओंकारेश्वर मंदिर, ऊखीमठ पहुँच गई। डोली के दर्शन मात्र से आस्था से ओत-प्रोत श्रद्धालु बोलो केदार बाबा की जय के जयकारों से वातावरण गूंजा उठा।
डोली के ओंकारेश्वर मंदिर पहुँचने पर तीर्थ पुरोहित समाज, डोली वाहक दल और स्थानीय ग्रामीणों ने अत्यंत श्रद्धा और उत्साह के साथ डोली की अगवानी की। इस दौरान स्थानीय विधायक आशा नौटियाल भी उपस्थित रहीं और उन्होंने बाबा केदार की शीतकालीन पूजा-अर्चना के शुभारंभ की मंगलकामनाएँ दीं।
छह माह तक ओंकारेश्वर मंदिर में विराजेंगे बाबा केदार
विधि-विधान के साथ पूजा-अर्चना के बाद बाबा केदारनाथ की भोग मूर्ति ओंकारेश्वर धाम में विराजमान हो गई है, जहाँ आगामी छह माह तक शीतकालीन पूजन और दर्शन होंगे। हर वर्ष की तरह इस बार भी डोली यात्रा धार्मिक परंपराओं के अनुसार निर्धारित पड़ावों से गुज़रते हुए ऊखीमठ पहुँची।
मार्ग में हुआ भव्य स्वागत
डोली यात्रा रुद्रप्रयाग ज़िले के फाटा, ब्यूंग, नारायणकोटी समेत अनेक पड़ावों से होते हुए ओंकारेश्वर पहुँची। श्रद्धालुओं ने हर स्थान पर फूल-मालाओं, ढोल-दमाऊँ और पारंपरिक नृत्य के साथ बाबा की डोली का स्वागत किया। डोली देर शाम अपने द्वितीय रात्रि प्रवास गुप्तकाशी के विश्वनाथ मंदिर पहुँची थी, जहाँ भक्तों ने दीप-प्रज्वलन और पुष्प वर्षा से डोली का स्वागत किया।
शीतकालीन यात्रा की तैयारियाँ पूरी
विधायक आशा नौटियाल ने बताया कि शीतकालीन गद्दीस्थल ओंकारेश्वर मंदिर में व्यवस्थाएँ सुदृढ़ की गई हैं। उन्होंने कहा कि पूर्व वर्षों की भाँति इस वर्ष भी शीतकालीन यात्रा का सफल संचालन किया जाएगा। पिछले वर्ष रिकॉर्ड संख्या में श्रद्धालु बाबा केदार के दर्शन हेतु शीतकालीन यात्रा में शामिल हुए थे, इस वर्ष भी बड़ी संख्या में भक्तों के पहुँचने की उम्मीद है।

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