धामी सरकार ने रद्द की स्नातक स्तरीय परीक्षा, 3 महीने में पुनः होगी परीक्षा

धामी सरकार ने रद्द की स्नातक स्तरीय परीक्षा, 3 महीने में पुनः होगी परीक्षा
 
 
 
सुमित तिवारी / उत्तराखंड प्रहरी ब्यूरो,
देहरादून। उत्तराखंड में बेरोजगार युवाओं के आंदोलन के कारण राज्य सरकार ने 21 सितंबर को आयोजित हुई स्नातक स्तरीय परीक्षा को निरस्त कर दिया है।
यूकेएसएसएससी के अध्यक्ष जीएस मर्ताेलिया के अनुसार, परीक्षा को रद्द कर दिया गया है और अब तीन महीने के भीतर दोबारा परीक्षा आयोजित की जाएगी। सरकार का यह निर्णय युवाओं के बढ़ते आक्रोश और पारदर्शिता की मांग के बीच लिया गया है। बेरोजगार संघ ने पिछले दिनों सरकार को चेतावनी दी थी कि यदि परीक्षा रद्द नहीं की गई, तो आंदोलन की अगली लहर पहले से भी अधिक व्यापक होगी। युवाओं के इस दबाव के बाद राज्य सरकार को कदम उठाना पड़ा। वहीं, 9 अक्टूबर को भाजपा के कई विधायकों ने भी मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी से मुलाकात कर परीक्षा रद्द करने की मांग की थी। उन्होंने कहा था कि पेपर लीक की आशंकाओं के बीच परीक्षा को निरस्त करना युवाओं के भरोसे को बनाए रखने के लिए जरूरी है। सरकार ने सभी पहलुओं को ध्यान में रखते हुए परीक्षा को रद्द कर दिया है और अब पेपर लीक प्रकरण की सीबीआई जांच की तैयारी भी तेज कर दी है। इससे यह साफ संकेत मिलते हैं कि सरकार भर्ती प्रक्रियाओं में पारदर्शिता को लेकर गंभीर है।
 
जांच आयोग ने सौंपी अंतरिम रिपोर्ट
देहरादून। इससे पूर्व उत्तराखंड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग द्वारा 21 सितंबर, 2025 को आयोजित प्रतियोगी परीक्षा में कथित अनियमितताओं की जांच के लिए गठित एकल सदस्यीय जांच आयोग ने मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी से मुलाकात कर अंतरिम रिपोर्ट प्रस्तुत की। इस आयोग की अध्यक्षता मा० न्यायमूर्ति (सेवानिवृत्त) यू.सी. ध्यानी कर रहे हैं। मुख्यमंत्री धामी ने कहा कि आयोग ने कम समय में व्यापक जनसुनवाई करते हुए अभ्यर्थियों और संबंधित पक्षों से सुझाव प्राप्त कर रिपोर्ट तैयार की है, जो सराहनीय है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार रिपोर्ट का गहन परीक्षण कर अभ्यर्थियों के हित में आवश्यक निर्णय लेगी।

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