भगवान चित्रगुप्त केवल कायस्थ समाज के ही नहीं, सभी समाज के आराध्य
हरिद्वार। अखिल भारतीय कायस्थ महासभा के तत्वावधान में आयोजित भगवान चित्रगुप्त की कथा में राष्ट्रीय अध्यक्ष सुबोध कांत सहाय ने कहा कि भगवान चित्रगुप्त न्याय के देवता हैं, जो जीवों के कर्मों का निष्पक्ष लेखा-जोखा रखते हैं। वे केवल कायस्थ समाज के ही नहीं बल्कि सभी समाज के आराध्य हैं। देवभूमि उत्तराखंड में हर वर्ष गंगा तट पर उनकी कथा का आयोजन होना चाहिए।
कथा का वाचन श्री चित्रगुप्त पीठ वृंदावन, मथुरा के पीठाधीश्वर डॉ. स्वामी सच्चिदानंद चित्रगुप्त महाराज ने किया। उन्होंने कहा कि भगवान चित्रगुप्त विद्या और ज्ञान के देवता भी हैं, जिनकी पूजा से विद्यार्थियों को एकाग्रता और स्मरण शक्ति प्राप्त होती है। कार्यक्रम का शुभारंभ दीप प्रज्वलन से हुआ तथा पूर्व संध्या पर गंगा आरती व सांस्कृतिक संध्या का आयोजन हुआ। इस अवसर पर प्रदेश अध्यक्ष संजय श्रीवास्तव सहित अनेक गणमान्य लोग उपस्थित रहे। कथा में देशभर से आए कायस्थ समाज के श्रद्धालुओं ने भाग लिया और भगवान चित्रगुप्त की महिमा का श्रवण किया।