जगह जगह आयोजित हुए दशहरा मेला

हरिद्वार। बुराई पर अच्छाई की जीत के प्रतीक पर्व दशहरे का उत्सव गुरुवार को पूरे शहर में धूमधाम से मनाया गया। जगह-जगह आयोजित मेलों और रामलीला मैदानों में भगवान श्रीराम और रावण के युद्ध का जीवंत मंचन देखने हजारों लोग पहुंचे। जैसे ही शाम ढलते-ढलते राम ने तीर चलाकर रावण का वध किया और रावण, कुंभकर्ण तथा मेघनाद के पुतले धूं-धूं कर जलने लगे, वैसे ही दर्शक “जय श्रीराम” के जयघोष के साथ रोमांचित हो उठे।

हरिद्वार शहर के रोडीबेल वाला, पन्तदीप, ऋषिकुल, दूधाधारी चौक, भेल समेत अन्य मैदानों में दशहरा महोत्सव का भव्य आयोजन किया गया। जगह-जगह आकर्षक आतिशबाजी और सांस्कृतिक प्रस्तुतियों ने उत्सव का माहौल और भी रंगीन बना दिया। बच्चों से लेकर बुजुर्गों तक, सभी ने रामलीला मंचन और रावण दहन का खूब आनंद उठाया।
पंतदीप मैदान और भेल के दशहरा मेले में तो भारी भीड़ उमड़ी। जहां लोग परिवार सहित झूले, खाने-पीने की दुकानों और मेलों की चहल-पहल का आनंद लेते दिखे। वहीं राम-रावण युद्ध के दृश्य देखने के लिए दर्शकों में खासा उत्साह देखने को मिला।
हालांकि, भीड़भाड़ के कारण कई जगह लोगों को जाम की समस्या से भी दो-चार होना पड़ा। खासकर रावण दहन के बाद जब मेले से भीड़ बाहर निकली तो शहर की मुख्य सड़कों पर वाहनों की लंबी कतारें लग गईं। पुलिस-प्रशासन ने ट्रैफिक को सुचारु करने के लिए अतिरिक्त व्यवस्था की, लेकिन देर रात तक कई जगह यातायात प्रभावित रहा।
दशहरे के इस पर्व पर हरिद्वार ने एक बार फिर बुराई पर अच्छाई की जीत का संदेश दिया। साथ ही, लोगों ने परिवार और समाज में मर्यादा, धर्म और सत्य के पालन का संकल्प भी दोहराया। शहर के हर कोने में रामभक्ति और उत्सव का माहौल देखने को मिला।