कैबिनेट मंत्री की पहल से घटी नवजात व शिशु मृत्यु दर

कैबिनेट मंत्री की पहल से घटी नवजात व शिशु मृत्यु दर


देहरादून/श्रीनगर गढ़वाल। उत्तराखंड में विषम भौगोलिक परिस्थितियों और चुनौतियों के बावजूद नवजात मृत्यु दर, शिशु मृत्यु दर और 5 वर्ष से कम उम्र के बच्चों की मृत्यु दर में उल्लेखनीय गिरावट दर्ज की गई है। यह उपलब्धि स्वास्थ्य मंत्री डॉ. धन सिंह रावत के नेतृत्व व सतत प्रयासों का परिणाम है। उनकी पहल पर संस्थागत प्रसव को बढ़ावा मिला और आशाओं के माध्यम से गर्भवती महिलाओं को बेहतर चिकित्सा सुविधाएं उपलब्ध कराई गईं।
भारत सरकार के महापंजीयक की वर्ष 2022 की रिपोर्ट के अनुसार, राज्य में नवजात मृत्यु दर 15, शिशु मृत्यु दर 21 और 5 वर्ष से कम उम्र के बच्चों की मृत्यु दर 25 प्रति हजार जीवित जन्म है, जो पिछले वर्षों की तुलना में बड़ी कमी दर्शाता है। इस सुधार का श्रेय राज्य के मजबूत स्वास्थ्य ढांचे व डॉ. रावत के मार्गदर्शन में चलाए गए विशेष अभियानों को जाता है।
राज्यभर में संस्थागत प्रसव, शत-प्रतिशत टीकाकरण और गर्भवती महिलाओं की देखभाल हेतु आशाओं के माध्यम से विशेष अभियान चलाए गए। ’खुशियों की सवारी’ योजना सहित अन्य योजनाओं ने भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। इसके तहत 4 नवजात आईसीयू, 9 स्पेशल न्यू बोर्न केयर यूनिट, 34 न्यू बोर्न स्टेबलाइजेशन यूनिट, 289 नवजात शिशु देखभाल कॉर्नर और 47 कंगारू मदर केयर यूनिट स्थापित की गईं। वर्ष 2024-25 में देहरादून व रुद्रप्रयाग जिला चिकित्सालयों में भी नई यूनिटें शुरू की गईं, जिनमें 4,643 नवजातों का सफल उपचार हुआ।
स्वास्थ्य मंत्री डॉ. धन सिंह रावत ने कहा कि राज्य सरकार शिशु मृत्यु दर को न्यूनतम स्तर पर लाने के लिए निरंतर प्रयासरत है और इस सुधार में आशाओं की भूमिका सबसे अहम रही है।

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