धर्मार्थ आश्रम भूखंडों पर अवैध व्यवसायिक गतिविधियों के मामले में लापरवाही, एई पर जुर्माना
हरिद्वार। आश्रमों व धर्मशालाओं के भूखंडों पर धर्मार्थ आश्रम के नाम पर स्वीकृत मानचित्रों के आधार पर बनाए गए बहुमंजिला भवनों में अवैध रूप से संचालित हो रहे व्यवसायिक होटलों और व्यवसायिक फ्लैटों के विरुद्ध पिछले पांच वर्षों में विकास प्राधिकरण प्रशासन द्वारा कराई गई सीलिंग व ध्वस्तीकरण की विधिक कार्यवाहियों की सूचनाएं उपलब्ध न कराने के गंभीर लापरवाही प्रकरण में कार्रवाई हुई है। सूचना आयुक्त दिलीप सिंह कुंवर ने इस मामले में हरिद्वार-रुड़की विकास प्राधिकरण (एचआरडीए) के अधिशासी अभियंता पर जुर्माना लगाया है।
सूचना का अधिकार अधिनियम के तहत मांगी गई इस जानकारी को समय पर न देने को लेकर सूचना आयुक्त ने इसे नियम विरुद्ध माना। उन्होंने लोक प्राधिकारी उपाध्यक्ष को निर्देश दिए हैं कि सूचना अधिकार नियमावली 2013 के नियम 11 के तहत अधिशासी अभियंता से जुर्माना राशि वसूल कर सूचना आयुक्त कार्यालय को सूचित करें। यह मामला उन अवैध व्यवसायिक गतिविधियों से जुड़ा है जो धर्मार्थ भूखंडों के मूल उद्देश्य के विपरीत हैं और लंबे समय से विवादों का विषय बने हुए हैं। इस कार्रवाई से विकास प्राधिकरण प्रशासन की जवाबदेही और पारदर्शिता को लेकर सवाल खड़े हुए हैं।