आपदा में संजीवनी बनी स्वास्थ्य सेवाएं, दुर्गम क्षेत्रों में गर्भवती महिलाओं की घर पर हुई सुरक्षित डिलीवरी

आपदा में संजीवनी बनी स्वास्थ्य सेवाएं, दुर्गम क्षेत्रों में गर्भवती महिलाओं की घर पर हुई सुरक्षित डिलीवरी


रुद्रप्रयाग। रुद्रप्रयाग जनपद में आपदा की इस कठिन घड़ी में जिला प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग ने सेवा भाव और समर्पण का परिचय दिया है। जिलाधिकारी प्रतीक जैन के नेतृत्व में राहत एवं बचाव कार्यों को गति दी जा रही है। प्रभावित क्षेत्रों में सड़कों की मरम्मत, विद्युत और जल आपूर्ति बहाली तथा मूलभूत सुविधाएं युद्ध स्तर पर पहुंचाई जा रही हैं।
स्वास्थ्य विभाग ने भी दुर्गम और सड़क संपर्क से कटे हुए क्षेत्रों में अपनी सेवाएं जारी रखी हैं। अब तक विभाग ने तीन गर्भवती महिलाओं की सुरक्षित डिलीवरी उनके घर पर ही करवाई। 31 अगस्त को बगसिर बगड़ गांव में 21 वर्षीय महिला की प्रसूति कराई गई। उछोला गांव में देर रात प्रसव पीड़ा होने पर चार सदस्यीय टीम ने पहुंचकर एक स्वस्थ बच्ची का जन्म कराया। वहीं खोड़ डांगी, जखोली में डॉक्टर खुशपाल और डॉ. अयोध्या के नेतृत्व में पांच सदस्यीय टीम ने सात किलोमीटर पैदल चलकर 23 वर्षीय नीता पत्नी वीरपाल की सुरक्षित डिलीवरी सुनिश्चित की।
मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. राम प्रकाश ने बताया कि छह टीमें आपदा प्रभावित क्षेत्रों में तैनात हैं, जो न केवल डिलीवरी करवा रही हैं, बल्कि चिकित्सकीय परामर्श और दवाएं भी उपलब्ध करा रही हैं। सभी माताएं और नवजात शिशु स्वस्थ हैं तथा निरंतर निगरानी में हैं।

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