विरोध के बीच सीएम ने प्रोटोकॉल तोड़ा, गाड़ी से उतरकर ग्रामीणों को दिया आश्वासन

सुमित तिवारी / उत्तराखंड प्रहरी ब्यूरो,
देहरादून/थराली। उत्तराखण्ड में आपदा का कहर थमने का नाम नहीं ले रहा और इस बीच प्रभावितों का गुस्सा भी चरम पर पहुंचता दिख रहा है। रविवार को मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी जब थराली के आपदा प्रभावित क्षेत्रों का स्थलीय निरीक्षण करने पहुंचे, तो उन्हें स्थानीय लोगों के भारी विरोध का सामना करना पड़ा। ग्रामीणों ने अचानक मुख्यमंत्री के काफिले के सामने बैठकर मार्ग रोक दिया और जोरदार प्रदर्शन शुरू कर दिया।
ग्रामीणों का आरोप था कि राहत और बचाव कार्य बेहद सुस्त रफ्तार से चल रहे हैं। ऊपर के गांवों तक अब तक न तो राहत सामग्री पहुँची है और न ही रास्ता साफ हुआ है। उनका कहना था कि शासन-प्रशासन सिर्फ़ आश्वासन दे रहा है, जबकि जमीनी हालात जस के तस बने हुए हैं।
स्थिति को बिगड़ते देख मुख्यमंत्री धामी ने प्रोटोकॉल तोड़ते हुए अपना काफिला रुकवाया और गाड़ी से उतरकर ग्रामीणों के बीच पहुंचे। उन्होंने सभी की समस्याएं सुनीं और आश्वासन दिया कि रास्ता जल्द खुलवाया जाएगा तथा राहत कार्यों को और तेज़ी से आगे बढ़ाया जाएगा। उन्होंने कहा कि जैसे ही मार्ग सुरक्षित होगा, वे स्वयं ऊपर के गांवों में जाकर स्थिति का जायजा लेंगे। मुख्यमंत्री के आश्वासन के बाद मौके पर मौजूद ग्रामीण शांत हुए और काफिला आगे बढ़ पाया।
ग्रामीणों का आरोप था कि राहत और बचाव कार्य बेहद सुस्त रफ्तार से चल रहे हैं। ऊपर के गांवों तक अब तक न तो राहत सामग्री पहुँची है और न ही रास्ता साफ हुआ है। उनका कहना था कि शासन-प्रशासन सिर्फ़ आश्वासन दे रहा है, जबकि जमीनी हालात जस के तस बने हुए हैं।
स्थिति को बिगड़ते देख मुख्यमंत्री धामी ने प्रोटोकॉल तोड़ते हुए अपना काफिला रुकवाया और गाड़ी से उतरकर ग्रामीणों के बीच पहुंचे। उन्होंने सभी की समस्याएं सुनीं और आश्वासन दिया कि रास्ता जल्द खुलवाया जाएगा तथा राहत कार्यों को और तेज़ी से आगे बढ़ाया जाएगा। उन्होंने कहा कि जैसे ही मार्ग सुरक्षित होगा, वे स्वयं ऊपर के गांवों में जाकर स्थिति का जायजा लेंगे। मुख्यमंत्री के आश्वासन के बाद मौके पर मौजूद ग्रामीण शांत हुए और काफिला आगे बढ़ पाया।

विदित हो कि इससे पहले धराली आपदा के समय भी मुख्यमंत्री धामी लगातार तीन दिन तक प्रभावित क्षेत्र में डटे रहे थे और हर राहत व बचाव कार्य की स्वयं निगरानी की थी।
विपक्ष ने इस घटना को लेकर सरकार पर तंज कसना शुरू कर दिया है। विपक्षी नेताओं का कहना है कि आपदा प्रबंधन में राज्य सरकार पूरी तरह नाकाम साबित हो रही है, तभी लोगों को इस तरह सड़क पर उतरकर विरोध करना पड़ रहा है। मुख्यमंत्री धामी ने स्पष्ट संदेश दिया है कि उत्तराखण्ड सरकार हर पीड़ित परिवार के साथ खड़ी है और राहत-सहायता पहुंचाने में किसी तरह की कोताही बर्दाश्त नहीं की जाएगी।