प्रोटीन, फाइबर और खनिजों से भरपूर होते हैं मिलेट्स: राज्यपाल

DESK THE CITY NEWS
देहरादून। राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल गुरमीत सिंह (से नि) ने गुरुवार को गोविंद बल्लभ पंत कृषि एवं प्रौद्योगिक विश्वविद्यालय, पंतनगर में आयोजित ‘श्रीअन्न महोत्सव’ में मुख्य अतिथि के रूप में प्रतिभाग किया। इस दौरान उन्होंने प्रगतिशील किसानों को सम्मानित किया और पशु चिकित्सा प्राथमिक उपचार किट वितरित की। उन्होंने मिलेट्स के लोगो और विभिन्न प्रकाशनों का भी विमोचन किया। राज्यपाल द्वारा विश्वविद्यालय परिसर में जीर्णाेद्धार किये गये गांधी हाल का लोकार्पण किया गया तदोपरान्त श्री अन्न महोत्सव में लगे स्टालों का निरीक्षण किया गया।
राज्यपाल ने कहा कि यह महोत्सव केवल कृषि का नहीं, बल्कि हमारे आहार, स्वास्थ्य, संस्कृति और जीवन दर्शन का उत्सव है। उन्होंने मिलेट्स (श्रीअन्न) को ‘सुपर ग्रेन्स’ बताते हुए कहा कि ये प्रोटीन, फाइबर और खनिजों से भरपूर होते हैं, जो इन्हें मधुमेह और मोटापे जैसी बीमारियों के लिए एक रामबाण उपाय बनाते हैं। राज्यपाल ने उत्तराखण्ड को श्रीअन्न उत्पादन के लिए विशेष रूप से उपयुक्त बताया। उन्होंने कहा कि यहां की जलवायु, मिट्टी और परंपराएं मंडुवा, झंगोरा, कोदा और रामदाना जैसी फसलों के लिए आदर्श हैं। ये फसलें न केवल कम पानी में उगती हैं, बल्कि किसानों की आय में भी वृद्धि करती हैं। उन्होंने भारतीय संस्कृति में भोजन के महत्व पर जोर देते हुए कहा कि हमारे ऋषियों ने हजारों साल पहले ही आहार और स्वास्थ्य के संबंध को समझा था।
इस मौके पर निदेशक शोध डॉ. अजीत नैन, निदेशक संचार डॉ. जे.पी जायसवाल, निदेशक शोध डॉ. ए.एस. नैन, डॉ. एस. के. वर्मा, डॉ. अर्चना कुशवाह, डॉ. प्रमोद मल्ल और डॉ. आर.पी.एस. गंगवार, सहित प्रतिष्ठित संकाय सदस्यों द्वारा लिखित विभिन्न पुस्तकों का राज्यपाल ने विमोचन किया। इस अवसर पर डॉ. जे. एल. सिंह, जिलाधिकारी नितिन सिंह भदौरिया, वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक मणिकांत मिश्रा, कर्नल ढिल्लन, कर्नल अजीत, सीएमओ डॉ. के. के. अग्रवाल, निदेशक प्रशासन एवं अनुश्रवण, नियंत्रक, कुलसचिव सहित अधिष्ठाता निदेशकगण संकाय सदस्य, किसान, जवान एवं विद्यार्थी मौजूद थे।
राज्यपाल ने कहा कि यह महोत्सव केवल कृषि का नहीं, बल्कि हमारे आहार, स्वास्थ्य, संस्कृति और जीवन दर्शन का उत्सव है। उन्होंने मिलेट्स (श्रीअन्न) को ‘सुपर ग्रेन्स’ बताते हुए कहा कि ये प्रोटीन, फाइबर और खनिजों से भरपूर होते हैं, जो इन्हें मधुमेह और मोटापे जैसी बीमारियों के लिए एक रामबाण उपाय बनाते हैं। राज्यपाल ने उत्तराखण्ड को श्रीअन्न उत्पादन के लिए विशेष रूप से उपयुक्त बताया। उन्होंने कहा कि यहां की जलवायु, मिट्टी और परंपराएं मंडुवा, झंगोरा, कोदा और रामदाना जैसी फसलों के लिए आदर्श हैं। ये फसलें न केवल कम पानी में उगती हैं, बल्कि किसानों की आय में भी वृद्धि करती हैं। उन्होंने भारतीय संस्कृति में भोजन के महत्व पर जोर देते हुए कहा कि हमारे ऋषियों ने हजारों साल पहले ही आहार और स्वास्थ्य के संबंध को समझा था।
इस मौके पर निदेशक शोध डॉ. अजीत नैन, निदेशक संचार डॉ. जे.पी जायसवाल, निदेशक शोध डॉ. ए.एस. नैन, डॉ. एस. के. वर्मा, डॉ. अर्चना कुशवाह, डॉ. प्रमोद मल्ल और डॉ. आर.पी.एस. गंगवार, सहित प्रतिष्ठित संकाय सदस्यों द्वारा लिखित विभिन्न पुस्तकों का राज्यपाल ने विमोचन किया। इस अवसर पर डॉ. जे. एल. सिंह, जिलाधिकारी नितिन सिंह भदौरिया, वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक मणिकांत मिश्रा, कर्नल ढिल्लन, कर्नल अजीत, सीएमओ डॉ. के. के. अग्रवाल, निदेशक प्रशासन एवं अनुश्रवण, नियंत्रक, कुलसचिव सहित अधिष्ठाता निदेशकगण संकाय सदस्य, किसान, जवान एवं विद्यार्थी मौजूद थे।