उत्तराखण्ड कैबिनेट के बड़े फैसले, रोजगार, न्याय और सुरक्षा के क्षेत्र में ऐतिहासिक पहल

DESK THE CITY NEWS
देहरादून। उत्तराखण्ड मंत्रिमंडल की बैठक में बुधवार को कई महत्वपूर्ण निर्णय लिए गए। महिलाओं, युवाओं और भूतपूर्व सैनिकों के रोजगार से लेकर अपराध पीड़ितों को सहायता और साक्षियों की सुरक्षा तक, सरकार ने दूरगामी प्रभाव डालने वाली योजनाओं को मंजूरी प्रदान की।
महिलाओं, युवाओं और भूतपूर्व सैनिकों के लिए अलग रोजगार नीति
महिलाओं, युवाओं और भूतपूर्व सैनिकों के लिए अलग-अलग नीति बनाई जाएगी।
युवाओं को सरकारी सेवा, नीट, नर्सिंग, विदेशी भाषाओं और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस जैसे क्षेत्रों में प्रशिक्षण मिलेगा।
राज्य में बृहद स्तर पर युवा महोत्सव और रोजगार मेले आयोजित होंगे।
आईटीआई, पॉलिटेक्निक और स्कूलों को जोड़कर व्यावसायिक शिक्षा को बढ़ावा दिया जाएगा।
स्वरोजगार के लिए मौन पालन, एप्पल मिशन और बागवानी में प्रशिक्षण, हर ब्लॉक में 200 लोगों को दिया जाएगा।
स्थानीय उत्पादों (फल, सब्जी, दूध) की खरीद के लिए कृषि विभाग और आईटीबीपी के बीच एमओयू हुआ है। अन्य केंद्रीय एजेंसियों और निजी क्षेत्रों से भी ऐसे समझौते किए जाएंगे।
भूतपूर्व सैनिकों को उपनल और सरकारी योजनाओं से जोड़कर रोजगार और स्वरोजगार दिलाने की व्यवस्था होगी।
युवाओं को सरकारी सेवा, नीट, नर्सिंग, विदेशी भाषाओं और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस जैसे क्षेत्रों में प्रशिक्षण मिलेगा।
राज्य में बृहद स्तर पर युवा महोत्सव और रोजगार मेले आयोजित होंगे।
आईटीआई, पॉलिटेक्निक और स्कूलों को जोड़कर व्यावसायिक शिक्षा को बढ़ावा दिया जाएगा।
स्वरोजगार के लिए मौन पालन, एप्पल मिशन और बागवानी में प्रशिक्षण, हर ब्लॉक में 200 लोगों को दिया जाएगा।
स्थानीय उत्पादों (फल, सब्जी, दूध) की खरीद के लिए कृषि विभाग और आईटीबीपी के बीच एमओयू हुआ है। अन्य केंद्रीय एजेंसियों और निजी क्षेत्रों से भी ऐसे समझौते किए जाएंगे।
भूतपूर्व सैनिकों को उपनल और सरकारी योजनाओं से जोड़कर रोजगार और स्वरोजगार दिलाने की व्यवस्था होगी।
अपराध पीड़ितों को राहत
अपराध पीड़ित सहायता (संशोधन) योजना-2025
राज्य सरकार ने उत्तराखण्ड अपराध से पीड़ित सहायता (संशोधन) योजना, 2025 को मंजूरी दी।
पोक्सो पीड़ितों के लिए न्यूनतम और अधिकतम क्षतिपूर्ति राशि तय की गई।
न्यायालय के आदेशों के अनुपालन और पीड़ितों को समयबद्ध सहायता उपलब्ध कराने के लिए नए प्रावधान शामिल किए गए।
इससे यौन अपराधों से प्रभावित बच्चों को राहत और न्याय की प्रक्रिया और मजबूत होगी।
राज्य सरकार ने उत्तराखण्ड अपराध से पीड़ित सहायता (संशोधन) योजना, 2025 को मंजूरी दी।
पोक्सो पीड़ितों के लिए न्यूनतम और अधिकतम क्षतिपूर्ति राशि तय की गई।
न्यायालय के आदेशों के अनुपालन और पीड़ितों को समयबद्ध सहायता उपलब्ध कराने के लिए नए प्रावधान शामिल किए गए।
इससे यौन अपराधों से प्रभावित बच्चों को राहत और न्याय की प्रक्रिया और मजबूत होगी।
साक्षियों की सुरक्षा के लिए ‘साक्षी संरक्षण योजना-2025
न्याय प्रक्रिया को निष्पक्ष और सुरक्षित बनाने के लिए कैबिनेट ने ‘उत्तराखण्ड साक्षी संरक्षण योजना-2025’ को मंजूरी दी।
इसमें पहचान गोपनीयता, स्थान परिवर्तन, सम्पर्क विवरण बदलाव, भौतिक सुरक्षा और वित्तीय सहायता जैसे प्रावधान होंगे।
राज्य साक्षी संरक्षण समिति बनाई गई है, जिसमें न्यायपालिका, पुलिस और वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारी शामिल हैं।
यह समिति साक्षियों की सुरक्षा आवश्यकता का आकलन कर समयबद्ध संरक्षण उपलब्ध कराएगी।
इस योजना के जरिए सरकार ने स्पष्ट संदेश दिया है कि न्याय की प्रक्रिया को सुरक्षित और पारदर्शी बनाना सर्वाेच्च प्राथमिकता है।
इसमें पहचान गोपनीयता, स्थान परिवर्तन, सम्पर्क विवरण बदलाव, भौतिक सुरक्षा और वित्तीय सहायता जैसे प्रावधान होंगे।
राज्य साक्षी संरक्षण समिति बनाई गई है, जिसमें न्यायपालिका, पुलिस और वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारी शामिल हैं।
यह समिति साक्षियों की सुरक्षा आवश्यकता का आकलन कर समयबद्ध संरक्षण उपलब्ध कराएगी।
इस योजना के जरिए सरकार ने स्पष्ट संदेश दिया है कि न्याय की प्रक्रिया को सुरक्षित और पारदर्शी बनाना सर्वाेच्च प्राथमिकता है।