तारू सिंह ने अपना बलिदान दे दिया, लेकिन जुल्म के आगे नहीं झुके
DESK THE CITY NEWS
हरिद्वार। कनखल स्थित निर्मल संतपुरा आश्रम गुरुद्वारे में सावन महीने की संक्रांत और अमर शहीद भाई तारु सिंह का शहीदी दिवस मनाया गया। कथावाचक संत बलजिंदर सिंह शास्त्री ने भाई तारु सिंह की जीवनी पर प्रकाश डालते हुए कथा सुनाकर और महिलाओं ने कीर्तन से संगत को निहाल किया। उन्होंने बताया कि भाई तारु सिंह सच्चे सिक्ख थे जिन्होंने अपना बलिदान दे दिया लेकिन जुल्म के आगे नहीं झुके।
गुरुद्वारे के परमाध्यक्ष संत जगजीत सिंह शास्त्री ने कहा कि भाई तारु सिंह जैसा सभी को बनना है। उन्होंने स्वयं को शहीद कर दिया लेकिन अपने केश नहीं कटवाए। सिक्ख धर्म में केश का बहुत महत्व है। सभी को बुरे विचार छोड़कर परमात्मा का सिमरन करना चाहिए। कार्यक्रम में संत तरलोचन सिंह, संत मंजीत सिंह, गुरविंदर सिंह अरोड़ा, भूपिंदर सिंह, दीप कौर, महिंद्र सिंह, इंदरजीत सिंह बिट्टू, सरबजीत कौर, रमनदीप सिंह, हरप्रीत सिंह, नैनी महेंद्रू, जसविंदर सिंह, हरविंदर सिंह, बलविंदर सिंह, अमनप्रीत सिंह, जोरावर सिंह, फतेह सिंह, निर्मल सिंह, अमरदीप सिंह आदि सैकड़ों श्रद्धालुगण उपस्थित थे।