ग्रामीण अर्थव्यवस्था की रीढ़ बनेगी सहकारी समितियां: डॉ. धन सिंह

ग्रामीण अर्थव्यवस्था की रीढ़ बनेगी सहकारी समितियां: डॉ. धन सिंह

DESK THE CITY NEWS

देहरादून/श्रीनगर गढ़वाल। अंतरराष्ट्रीय सहकारिता वर्ष-2025 के उपलक्ष्य में देहरादून स्थित भारतीय वन अनुसंधान संस्थान एफआरआई में दो दिवसीय कार्यशाला सहकार मंथन-2025 का सहकारिता मंत्री डॉ. धन सिंह रावत ने शुभारंभ किया।
इस मौके पर डॉ. धन सिंह रावत ने कहा कि केंद्र सरकार द्वारा सहकारिता मंत्रालय की स्थापना वर्ष 2021 के बाद राज्यों को इस क्षेत्र में नई ऊर्जा और दिशा मिली है। कहा कि हाल ही में हुई केंद्रीय बैठक में यह निर्णय लिया गया है कि हर 300-400 ग्रामीण जनसंख्या या दो-तीन गाँवों के समूह के लिए एक बहुउद्देश्यीय सहकारी समिति मल्टीपर्पज़ कोऑपरेटिव गठित की जा सकती है, जिससे 670 एम-पैक्स को और अधिक मजबूत किया जा सके। उन्होंने कहा, सहकार मंथन केवल भाषणों तक सीमित नहीं रहना चाहिए। सहकारी समितियों को ग्रामीण अर्थव्यवस्था की रीढ़ बनाकर अंतिम पंक्ति के व्यक्ति को लाभ पहुंचाना हमारा उद्देश्य है। उत्तराखंड सहकारिता क्षेत्र की उपलब्धियां डॉ.रावत ने बताया कि उत्तराखंड देश का पहला राज्य है जिसने 2017 से आईबीपीएस प्रणाली के माध्यम से सहकारी बैंकों में पारदर्शी और मेरिट-आधारित भर्तियाँ प्रारंभ कीं।
कहा कि सहकारिता मंत्रालय का लक्ष्य उत्तराखंड को सहकारी क्षेत्र में अग्रणी राज्य बनाना है। उन्होंने सभी हितधारकों से एकजुट होकर कार्य करने और ग्रामीण भारत के सपनों को साकार करने का आह्वान किया। इस मौके पर निबंधक सहकारिता मेहरबान सिंह बिष्ट ने आईटी व डिजिटलीकरण की आवश्यकता पर बल दिया। इस दौरान नाबार्ड के मुख्य महाप्रबंधक पंकज तिवारी, प्रो. अरुण कुमार त्यागी, नवीन आनंद, अनुराग डंग, आनंद शुक्ल, मंगला त्रिपाठी आदि उपस्थित थे।

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