पौराणिक धरोहरों को संवारने की पहल: जिलाधिकारी ने मांगी एक सप्ताह में मंदिरों की पूरी जानकारी
पौड़ी। जिलाधिकारी डॉ. आशीष चौहान ने एनआईसी कक्ष में जनपद के पौराणिक मंदिरों के संरक्षण व विकास कार्यों को लेकर अधिकारियों के साथ बैठक की। उन्होंने सभी उपजिलाधिकारी और खंड विकास अधिकारी को निर्देश दिये कि अपने-अपने क्षेत्रों में स्थित पौराणिक मंदिरों को चिन्हित कर एक सप्ताह के भीतर आवश्यक कार्यों की रिपोर्ट प्रस्तुत करें। जिलाधिकारी ने कहा कि जिन मंदिरों में श्रद्धालु बड़ी संख्या में पहुंचते हैं, वहां मूलभूत सुविधाएं उपलब्ध कराना प्रशासन की प्राथमिकता है। उन्होंने पैठाणी स्थित राहु मंदिर के लिए जाने वाले मार्ग के सुधारीकरण, हेलीपैड के लिए भूमि चिन्हीकरण और बूढ़ा भरसार में धर्मशाला निर्माण की संभावनाओं पर शीघ्र कार्रवाई करने के निर्देश भी संबंधित अधिकारियों को दिये। इसके साथ ही मंदिर परिसरों में पेयजल, विद्युत, शौचालय और रास्तों के निर्माण की भी रिपोर्ट तैयार करने को कहा। उन्होंने स्पष्ट किया कि जो मंदिर पुरानी शैली में स्थापित हैं ऐसे सभी स्थलों का सर्वे करते हुये फोटोग्राफ सहित रिपोर्ट तैयार करें, ताकि कार्यों की योजना को धरातल पर उतारा जा सके। बैठक में उपजिलाधिकारी रेखा आर्य, जिला पर्यटन विकास अधिकारी खुशाल सिंह नेगी, तहसीलदार पौड़ी दीवान सिंह राणा, जेई पुरातत्व विभाग अनिल नेगी व अन्य अधिकारी उपस्थित थे।
जिलाधिकारी ने किया शस्त्र व सहायक शस्त्र पटल का निरीक्षण
पौड़ी। जिलाधिकारी डॉ. आशीष चौहान ने जिला कार्यालय स्थित शस्त्र व सहायक शस्त्र पटल का निरीक्षण कर संबंधित पटल सहायकों को स्पष्ट निर्देश देते हुए कहा कि अपने कार्यों के प्रति गंभीर रहते हुए पूर्ण उत्तरदायित्व से दायित्वों का निर्वहन करें। निरीक्षण के दौरान जिलाधिकारी ने विभिन्न विभागीय फाइलों का गहन अवलोकन किया। इस दौरान जिलाधिकारी ने संबंधित पटल सहायकों को संबंधित विभागों की बैठकें समय पर नहीं कराने और विभागीय कार्यवाहियों के आंकड़ों की जानकारी नहीं रखने पर चेतावनी दी।
राजस्व वसूली की धीमी प्रगति पर डीएम सख्त
पौड़ी। जिलाधिकारी डॉ.आशीष चौहान ने एनआईसी कक्ष में राजस्व वसूली की मासिक प्रगति की समीक्षा बैठक की। बैठक में उन्होंने जनपद के उपजिलाधिकारियों को निर्देश दिये कि जिन क्षेत्रों में मासिक वसूली की गति धीमी है, वहां तत्काल प्रभाव से सुधार लाया जाय। जिलाधिकारी ने मई माह की समीक्षा करते हुए श्रीनगर तहसील द्वारा मात्र 11 प्रतिशत, यमकेश्वर द्वारा 9 प्रतिशत तथा बीरोंखाल द्वारा 15 प्रतिशत राजस्व वसूली प्राप्त करने पर नाराजगी व्यक्त की। उन्होंने संबंधित उपजिलाधिकारियों को कड़ी चेतावनी देते हुए कहा कि वसूली की प्रगति में शीघ्र ही तेजी लायी जाये। उन्होंने कहा कि बड़े बकायेदारों पर वसूली की प्रक्रिया का सख्ती से कार्यान्वयन करें।