हमारी सेना शौर्य एवं पराक्रम शत्रुदेश का तोड़ रही मनोबल,श्री भगवानदास आदर्श संस्कृत महाविद्यालय में आयोजित हुआ ‘राष्ट्र प्रथम’ कार्यक्रम

हरिद्वार। भारत सरकार के शिक्षा मंत्रालय के निर्देशानुसार केन्द्रीय संस्कृत विश्वविद्यालय से संबद्ध श्री भगवानदास आदर्श संस्कृत महाविद्यालय ने राष्ट्र प्रथम कार्यक्रम का आयोजन किया। कार्यक्रम का उद्देश्य संकट के समय में नागरिकों की सहायता, सामाजिक कार्यों के प्रति महाविद्यालय के प्राध्यापकों एवं छात्रों को जागरूक करना व सोशल मीडिया आदि के माध्यम से देश की रक्षा के लिए सीमाओं पर तत्परता से लड़ने वाले वीर सैनिकों का समर्थन कर नकारात्मक अभियान चलाने वालों को हतोत्साहित करना था।
इस अवसर पर ज्वालापुर इंटर कॉलेज के पूर्व प्रधानाचार्य व राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के विभाग सम्पर्क प्रमुख रोहिताश्व कुंवर ने अपनी ओजस्वी कविताओं व वक्तव्य के माध्यम से छात्रों में राष्ट्र के प्रति निष्ठा एवं देशभक्ति का संचार करते हुए कहा कि राष्ट्र की रक्षा करना सर्वोपरि एवं प्रथम कर्तव्य है। उन्होंने देश के लिए बलिदान देने वाले वीर शहीदों की गाथाएं सुनाकर छात्रें को देश के प्रति समर्पण भावना से प्रोत्साहित किया।


कार्यक्रम का संचालन कर रहे डॉ. रवीन्द्र कुमार ने कहा कि भारत की सेना शौर्य एवं पराक्रम का उदाहरण प्रस्तुत करते हुए शत्रुदेश का मनोबल निरन्तर तोड़ रही है। ऐसी स्थिति में हमारा कर्तव्य है कि हमारा पूर्ण समर्थन भारतीय सेना के साथ हो। हमें यह ध्यान रखना चाहिए कि यदि हम आज निर्विघ्न पठन-पाठन कर रहें हैं तो इसके लिए हमारी सेना के त्याग और बलिदान को श्रेय जाता है। उन्होंने कहा कि शस्त्रों के द्वारा रक्षित राष्ट्र में ही शस्त्रों की चर्चा सम्भव है। इसीलिए यदि राष्ट्र सुरक्षित है तो सब कुछ सरलता से किया जा सकता है। हमारे राष्ट्र के लिए यदि हमें अपने प्राणों को भी आहूत करना पड़े तो हमें सहर्ष तैयार रहना चाहिए। कार्यक्रम के समापन पर छात्रों ने भारत माता की जय, वन्दे मातरम् आदि के उद्घोष लगाकर भारतीय सेना का समर्थन किया।
इस अवसर पर महाविद्यालय के प्रभारी प्राचार्य डॉ. व्रजेन्द्र कुमार सिंहदेव, डॉ. निरंजन मिश्र, डॉ. आशिमा श्रवण, डॉ. आलोक कुमार सेमवाल, डॉ. सुमन्त कुमार, डॉ- अंकुर कुमार, आदित्य प्रकाश सुतार, एम नरेश भट्ट, शिवदेव आर्य, अतुल कुमार, डॉ. परमेश बिजल्वाण एवं विवेक शुक्ला आदि उपस्थित रहे।

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