हरिद्वार के पूर्व डी.एफ.ओ पर मंडराए संकट के बादल, विजिलेंस की जांच में पाए गए दोषी

वन महकमे के चर्चित अधिकारी किशनचंद पर अब आय से अधिक संपत्ति अर्जित करने पर अभियोग चलाया जाएगा। राज्य सरकार ने इसकी अनुमति दे दी है। इस मामले को लेकर पिछले काफी समय से विजिलेंस जांच की जा रही थी, जो अब पूरी हो चुकी है।  सूत्रों की माने तो जल्द ही केंद्र से अनुमति मिलते ही विजिलेंस द्वारा मुकदमे की कार्यवाही शुरू कर दी जाएगी।  वन महकमे में किशन चंद हमेशा से ही विवादों में रहे है। लैंसडौन में युवाओं की वन महकमे में भर्ती करने का प्रकरण भी बेहद चर्चित रहा था। वन्ही राज्य सरकार के इस फैसले के बाद अब वह महकमे में भी हड़कम्प मचा हुआ है। राज्य के वन महकमे में भी कुछ लोग ऐसे है जो नियम विरुद्ध आय से अधिक संपत्ति अर्जित कर चुके है।


क्या क्या है आरोप

विजिलेंस टीम ने आई एफ एस किशन चंद के खिलाफ तैयार की गई चार्जशीट में आरोप लगाया है कि किशन चंद्र ने अपने आय से 375 गुना ज्यादा संपत्ति अर्जित की। यही नहीं, विजिलेंस ने 33 करोड़ की संपत्ति का खुलासा भी किया है। इस संपत्ति में किशनचंद की मात्र सात करोड़ की संपत्ति है। जबकि ज्यादातर संपत्ति परिजनों के नाम खरीदी गई है। 

भोगपुर में बेटे के नाम से अभिषेक स्टोन क्रेशर लगाया। पिरानकलियर में पत्नी के नाम से ब्रज इंटरनेशनल पब्लिक स्कूल बनाया है। यही नहीं, स्कूल के लिए पत्नी के नाम पर ट्रस्ट बनाया। अपने नाम संपत्ति खरीदने के लिए ट्रस्ट से लिए गए ऋण को अभी तक नहीं लौटाया है।

इस ट्रस्ट में लोगों से बड़ी धनराशि जमा कराई गई। साथ ही विजिलेंस ने चार्जशीट में जिक्र किया है कि हरिद्वार डीएफओ रहते हुए लैंसडौन प्रभाग में लोगो को नौकरी देने की एवज में उनकी जमीने अपने नाम करा ली।

इसके साथ ही देहरादून बसंत विहार में 2.40 करोड़ का मकान ख़रीदा। मकान के लिए 60 लाख का स्कूल के ट्रस्ट से ऋण लिया। पत्नी के खाते से 1.80 करोड़ लिए गए। इस पैसे को एक दिन पहले अलग अलग लोगों से जमा करवाया। ये तामाम बातें विजिलेंस की जांच में सामने आई है। जिससे उनकी मुश्किलें बढ़ना लगभग तय माना जा रहा है।

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