भाजपा अग्निपथ जैसी योजनाएं थोपकर देश के युवाओं का उड़ा रही मज़ाक : सचिन बेदी

संवाददाता दीपक कुमार : 19 जून 2022

अग्निपथ योजना पर शीघ्र स्थिति स्पष्ट करें केन्द्र सरकार :- सचिन बेदी


आम आदमी पार्टी के वरिष्ठ नेता एवं अधिवक्ता सचिन बेदी ने केन्द्र सरकार से आग्रह किया कि सेना में भर्ती होने वाली योजना अग्निपथ योजना पर जल्द से जल्द स्थिति स्पष्ट की जाए। ताकि युवाओं में पनप रही हिंसक प्रवृत्ति को शांत और समाप्त कर उनके द्वारा देश के विभिन्न राज्यों में कारित की जा रही हिंसक घटनाओं को रोका जाकर सरकारी और निजी संपत्तियों को होने वाले नुकसान से बचाया जा सके।

देश के लाखों युवा जो सेना में शामिल होकर देश सेवा का सपना अपने मन में संजोए हुए हैं। उनके लिए केन्द्र सरकार द्वारा सेना में भर्ती की जो अग्निपथ योजना लागू करने की योजना हैं के खिलाफ आक्रोशित और उत्तेजित होकर सड़को पर उतरकर उग्र प्रदर्शन कर देश की सरकारी और निजी संपत्तियों को नुकसान पहुंचाने में लगा हुआ है।

देश के विभिन्न राज्यों में इस योजना का युवा वर्ग द्वारा लगातार पुरजोर विरोध किया जा रहा है,जो थमने का नाम नहीं ले रहा है। इस योजना से देश का युवा वर्ग अपने आप को ठगा सा महसूस कर रहा है। देश की सम्पूर्ण जनता आज जहां एक ओर महंगाई की मार झेलकर अपना गुजर बसर बामुश्किल कर पा रही है,महंगाई से आमजन का बुरा हाल है। महंगाई ने आम आदमी की कमर तोड़ कर रखी हुई हैं।

परंतु सरकार का इस ओर कोई ध्यान नहीं है महंगाई पर रोक/लगाम लगाने में सरकार पूर्णत विफल साबित हो रही हैं। वहीं दूसरी ओर सरकार पढ़े लिखे युवाओं को रोजगार देने की बजाय कभी चाय पकौड़े बेचने तथा अग्निपथ जैसी योजनाएं उन पर थोपकर बेरोजगार युवाओं का मजाक उड़ा रही है। साथ ही ऐसी योजनाओं के जरिए उन्हें धोखा देने का काम किया जा रहा है।


अब सवाल यह उठता है कि :-

  • चार वर्ष की नौकरी के बाद इन युवाओं के शेष जीवन का क्या होगा ?
  • क्या यह योजना युवाओं का कैरियर समाप्त करने वाली योजना है ?
  • क्या चार वर्ष बाद उनके लिए नौकरी की कोई अन्यत्र व्यवस्था रहेगी ?

इसलिए सरकार को इस ओर शीघ्र से शीघ्र गंभीरता से विचार मंथन कर स्थिति स्पष्ट कर युवाओं को रोजगार के प्रति आश्वस्त किया जा सके। साथ ही युवाओं से भी यह अपील की जाती हैं वह कोई हिंसक प्रवृत्ति न अपनाएं और सदैव यह याद रखे कि युवा ही देश का भविष्य होता है उसे कभी भी किसी भी सूरत में बहकना नहीं चाहिए और ना ही बहकावे में आना चाहिए।

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