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ब्रिडकुल व आईआईटी रुड़की जैसी संस्थाएं कर चुकी हैं सर्वेक्षण
हरिद्वार। हरिद्वार के मंसादेवी रोपवे संचालन पर अब कोई भी निर्णय टैक्निकल रिपोर्ट पर ही होगा। रोपवे 31 दिसंबर के बाद से बंद है।
मंसादेवी रोपवे के संचालन पर अब शासन सुरक्षा और तकनीकी रिपोर्ट के बाद ही कोई निर्णय लेगा। इसमें कुछ वक्त लग सकता है। शासन के निर्देश पर पिछले दिनों ब्रिडकुल व आईआईटी रुड़की की तकनीकी कमेटियों ने अपनी देखरेख में रोपवे ट्रालियों को कई बार ऊपर-नीचे चलवाकर उसकी सुरक्षा क्षमता और गुणवत्ता स्थिति का परीक्षण किया। प्रथमदृष्टया रोपवे को सुरक्षित कंडीशन में बताया गया है। हालांकि इसपर सर्वे कमेटियों की रिपोर्ट के उपरांत ही शासन कोई निर्णय लेगा। सर्वे कमेटियों की रिपोर्ट शासन तक पेश होने में पांच-सात दिन का समय लग सकता है।
इस बीच अन्य कंपनियों ने भी रोपवे संचालन में रुचि दिखाई है। कोलकाता की एक कंपनी दामोदर रोपवे इंफ्रास्ट्रक्चर ने इस मामले में हाईकोर्ट में लंबित एक याचिका में हस्तक्षेप याचिका के माध्यम से स्वयं मंसादेवी रोपवे संचालन में रुचि दिखाई है। हालांकि इसपर भी निर्णय शासन को ही लेना है। लेकिन अभी मंसादेवी रोपवे के पुनः संचालन में वक्त लग सकता है तबतक श्रद्धालुओं को पैदल ही यात्रा करनी होगी।
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दूसरी कंपनियों के भी रोपवे संचालन में रुचि लेने से नगरनिगम को रोपवे से राजस्व बढ़ने की उम्मीद है। फिलहाल मौजूदा स्थिति में रोपवे संचालन के लिए शासन के पास ऊषा ब्रेको और दामोदर इंफ्रास्ट्रक्चर का विकल्प है। लेकिन दामोदर इंफ्रास्ट्रक्चर का उत्तराखंड में रिकॉर्ड अच्छा नहीं है। कंपनी टिहरी के सुरकंडा में रोपवे चला रही थी। यहां एकबार तीन घंटे रोपवे बीच में ही बंद हो गया। जिसमें टिहरी विधायक किशोर उपाध्याय भी फंसे रहे थे। जिसके बाद कंपनी को सुरकंडा रोपवे से अलग कर दिया गया था। कंपनी मप्र, झारखंड, सिक्किम आदि राज्यों में रोपवे चला रही है लेकिन वहां भी ऐसे प्रकरण रहे हैं।
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रोपवे संचालन पर अभी कोई निर्णय नहीं हुआ है। मामला न्यायालय में भी लंबित है और विशेषज्ञों की रिपोर्ट भी अभी हमें नहीं मिली है। इसके उपरांत ही कोई निर्णय होगा।
नितिन भदौरिया,
सचिव शहरी विकास