संवाददाता मुरादाबाद दिनांक 13 अक्टूबर 2022
मुरादाबाद के ठाकुरद्वारा खनन माफिया पर कार्रवाई के मामले में पुलिस कदम-कदम पर नाकाम साबित हो रही है। पहले ठाकुर द्वारा में एसडीएम और खनन अधिकारी पर हमला कर माफिया डंपर छुड़ा ले गए थे। इसके बाद फरार चल रहे पचास हजार के इनामी आबिद हुसैन निवाीस गोपीवाला को भी पुलिस नहीं पकड़ पाई। आबिद हुसैन पीलीभीत में अपने रिश्तेदार के घर छिपा हुआ था।
जिसे सोमवार को एसटीएफ की बरेली यूनिट ने दबोचा था। जब पुलिस कर्मियों की किरकिर हुई तो डीआजी ने ठाकुरद्वारा एसएचओ के खिलाफ जांच बैठा दी। इसी नाकामी को ढकने के लिए गुडवर्क दिखाने के फेर में बिना मजबूत योजना के कुंडा के गांव भरतपुर में ठाकुरद्वारा पुलिस एसओजी टीम के साथ पहुंच गई।
इतना ही नहीं पचास हजार का इनाम को पकड़ने के लिए स्थानीय पुलिस को सूचना तक नहीं दी गई। बात यहीं तक नहीं है खनन माफिया को संरक्षण देने के भी ठाकुरद्वारा पुलिस पर आरोप लगते रहे हैं।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने वर्चुअल समीक्षा में डीआईजी शलभ माथुर को खनन मामले में लापरवाही पर फटकार लगाई थी। इसके बाद आला अधिकारी भी माफियाओं को जल्द गिरफ्तार करने के फेर में कमजोर रणनीति का परिचय दे बैठे। खनन मामले में पचास हजार के वांछित जफर की तलाश में ठाकुरद्वारा थाने की पुलिस और एसओजी लगी थी।
बुधवार शाम सूचना मिली थी कि ठाकुरद्वारा के पास जफर मौजूद है। पुलिस ने घेराबंदी की तो जफर उत्तराखंड क्षेत्र के भरतपुर गांव में पहुंच गया। जहां जफर और उसके साथियों ने पुलिस टीम को बंधक बना लिया। पुलिस टीम पर फायरिंग की गई, जिसमें दो सिपाही समेत पांच घायल हुए हैं। पूरे मामले की जानकारी जुटाई जा रही है।- शभम माथुर, डीआईजी