देहरादून संवाददाता: अक्षय राजपूत 10 जुलाई 2022
एक बार फिर तेज हुई सियासी हलचल
उत्तराखंड से बड़ी खबर, मंत्री धन सिंह रावत के खिलाफ कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष गणेश गोदियाल शिकायत लेकर पहुंचे सीएम पुष्कर धामी से मिलने, अपने ऊपर लगाए गए आरोपों के साथ साथ मंत्री धन सिंह रावत के विभागों में लग रहें भ्रष्टाचार के आरोपों की जाँच किसी रिटायर्ड जज से कराने का सीएम से किया आग्रह किया। जिससे कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष गणेश गोदियाल व वर्तमान सरकार में मंत्री धन सिंह रावत में तलवारें खीचना तय समझा जा रहा है।
मुख्यमंत्री को सौंपे ज्ञापन में पूर्व प्रदेश अध्यक्ष ने क्या कहा ?
जैसा कि आप अवगत ही हैं कि श्रीबद्रीनाथ-केदारनाथ मन्दिर समिति के एक वर्तमान सदस्य द्वारा वर्ष 2012 से वर्ष 2017 के मध्य मेरी अध्यक्षता वाली मन्दिर समिति पर विभिन्न अनियमितताओं के आरोप लगाते हुए इसकी शिकायत विभागीय मंत्री से करने की बजाय मेरे राजनैतिक प्रतिद्वंदी श्री धनसिंह रावत, जो कि वर्तमान सरकार में काबिना मंत्री हैं, उनसे की गई है। मा० मंत्री जी द्वारा मन्दिर समिति के सम्मानित सदस्य की शिकायत का संज्ञान लेते हुए तत्काल जांच के आदेश भी जारी किये गये हैं जिसका मैं स्वागत करता हूं।
आप इस बात से भी अवगत होंगे कि मेरे द्वारा उत्तराखण्ड राज्य के सहकारिता विभाग, चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग तथा उच्च शिक्षा विभाग में मा0 मंत्री श्री धनसिंह रावत के प्राश्रय में हुए तमाम घोटालों को उद्धृत करते हुए इन घोटालों की निष्पक्ष जांच की मांग की गई थी, जिस पर अभी तक कोई कार्रवाई नहीं हो पाई है। मेरा आपसे निवेदन है कि सार्वजनिक एवं राजनैतिक जीवन में यह आवश्यक है कि लगाये गए आरोपों पर दोहरा मापदण्ड नहीं अपनाया जाना चाहिए तथा शिकायत की तटस्थ भाव से जांच एवं तद्नुसार कार्रवाई होनी चाहिए। जिससे कि समाज का लोकतांत्रिक राजनीति मूल्यों एवं राजनीतिज्ञों पर विश्वास बना रहे।
इसी परिपेक्ष में मेरा यह भी आग्रह है कि मुझ पर व मेरी अध्यक्षता वाली समिति पर लगाये गये आरोपों की जांच के साथ ही मा० मंत्री जी के प्रश्रय में सहकारिता विभाग में हुए भर्ती घोटाले, ऋण आवंटन घोटाले शेयर खरीद घोटाले, उच्च शिक्षा विभाग के सहायक प्रवक्ता भर्ती घोटाले, निदेशक भर्ती घोटाले तथा स्वास्थ्य विभाग में फर्जी बिलों के आधार पर आयुष्मान योजना के तहत हुए घोटालों की जांच हेतु माननीय उच्च न्यायालय के सेवानिवृत्त न्यायाधीशों की देखरेख में एक सप्ताह के अन्दर पृथक से अलग–अलग जांच समितियां गठित की जाय। अन्यथा ऐसा न करने की स्थिति में मुझे भ्रष्टाचारियों को बेनकाब करने एवं अपने मान-सम्मान की रक्षा हेतु लोकतांत्रिक तरीके से आपके आवास के सम्मुख इस मांग को लेकर घरने पर बैठने पर मजबूर होना पड़ेगा।
आपके आदेशों की प्रतीक्षा में गणेश गोदियाल ।
अब सियासी जंग में आगे देखते है होता है क्या.?